नई दिल्ली: 2023 में विदेशों में 86 भारतीयों पर हमला हुआ या उनकी हत्या की गई। यह जानकारी एक लिखित प्रश्न के जवाब में सदन में साझा की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा हमले अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, और सऊदी अरब में हुए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में 12, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और सऊदी अरब में 10-10 घटनाएं सामने आई हैं।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह का बयान
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने इस मुद्दे पर सदन में कहा, “विदेश में भारतीयों की सुरक्षा भारत सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। हमारे मिशन और पोस्ट सतर्क रहते हैं और किसी भी अप्रिय घटना पर बारीकी से नजर रखते हैं। ऐसी घटनाओं को तुरंत मेजबान देश के संबंधित अधिकारियों के साथ उठाया जाता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सरकार किसी भी तरह की अप्रिय घटना पर लगातार नजर रखती है और संबंधित देशों से उचित कार्रवाई की मांग करती है।
स्वेच्छा से नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों का आंकड़ा
एक अलग प्रश्न में, मंत्री से पिछले पांच वर्षों में स्वेच्छा से अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या, राज्यवार और वर्षवार डेटा और इसके कारणों के बारे में पूछा गया था। उन्होंने अपने जवाब में कहा कि विदेशी नागरिकता के लिए भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले लोगों का राज्यवार वितरण उपलब्ध नहीं है। हालांकि, उन्होंने उन देशों के नाम साझा किए हैं, जिनकी नागरिकता भारतीयों ने प्राप्त की है। इनमें अल्जीरिया, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ग्रीस, ईरान, इराक, चीन, पाकिस्तान, कोरिया गणराज्य, अमेरिका, ब्रिटेन और यूक्रेन जैसे 135 देशों का समावेश है।
पाकिस्तान और श्रीलंका में भारतीय मछुआरों की हिरासत
विदेश राज्य मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में पाकिस्तान और श्रीलंका में भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी और जब्त की गई संपत्तियों के आंकड़े भी साझा किए। 2023 में श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीय मछुआरों की संख्या 240 थी, जबकि 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 535 हो गया है। इसी तरह, 2023 में श्रीलंका में जब्त की गई भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं की संख्या 35 थी, जबकि 2024 के लिए यह आंकड़ा 71 था।
पाकिस्तान में मछुआरों की हिरासत
आंकड़ों के अनुसार, 2023 में पाकिस्तान के अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीय मछुआरों की संख्या 9 थी, जबकि 2024 में यह संख्या 19 (1 जुलाई, 2024 तक) तक पहुँच गई है।
इन घटनाओं ने विदेशी देशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और विदेशों में भारतीयों द्वारा मछली पकड़ने से संबंधित मुद्दों को लेकर भारत सरकार के समक्ष उठने वाली चुनौतियों को उजागर किया है।